Sunday, December 8, 2019

योगी उवाच - सोलूशन्स फॉर लाइफ प्रोब्लम्स - स्टोरी १


! योगी उवाच !

सोलूशन्स फॉर लाइफ प्रोब्लम्स


स्टोरी १


यह कहानी भारत के एक योगी की है जो वाघेश्वरनगर नामक एक गाव् जो की भारत में बसा है के जीवन पर आधारित है !

योगी आनंदजी उस गांव में एक छोटी सी टेकड़ी पर बने पुरातन शिव मंदिर में रहते थे जहा चारो तरफ हरियाली थी और घने पेड़ो के बीच वह एक छोटा सा तालाब था और इसे लिए साधको के लिए और भगवान के दर्शन के लिए आने वाले लोगो के लिए एक आदर्श स्थान था, छोटा सा गांव होने की वजह से उस जगह ज्यादातर वक़्त वहा काफी शांति बनी रहती थी जो ध्यान के लिए काफी अनुकूल थी, इस लिए शायद योगी आनंदजी ने उस जगह को चुना था! वैसे तो योगी जी कहा से आये थे और कौन थे ये किसी को मालूम नहीं था मगर, वह हर साल छह महीने के लिए उस जगह रहने के लिए आते थे !

वहा रहने के बाद के छह महीने वो कहा जाते थे ये किसी को पता नहीं था, मगर वो गांव के सभी लोगो के लिए श्रद्धा का स्थान थे क्युकी वो जब भी वहा रहते थे वो गांव के लोगो की सभी छोटी बड़ी समस्या का समाधान करते थे !

योगी आनंद जी की दिनचर्या काफी साधारण सी थी और उनका ज्यादा तर समय ध्यान धारना में गुजार देते थे ! नाम की तरह ही वो काफी हसमुख थे!

उनका दिन प्रातः काल आन्हिक और ध्यान धारना से शुरू होता था, बाद में वो गांव में एक दो घरो में भिक्षा मांग कर उनके खाने का प्रबंध करते थे ! लोगो से मिलना उनकी समस्या समाधान करना और संध्या में भजन में लींन हो कर उनका दिन काफी जल्दी ख़तम हो जाता था !

एक दिन योगी जी मंदिर के पास वाले पेड़ के नीचे ध्यान लगाने की तैयारी कर रही थे के इतने में उन्हें चारु जो की गांव के मुखिया जी की बेटी थी, जो कुछ निराश सी मंदिर के प्रांगण में बैठी उन्हें दीखायी दी !

वो और उसके पितः हमेशा मंदिर में दर्शन के लिए और योगी जी के भजन सुनने के लिए आते रहते थे ! मगर आज उसे निराश देख कर योगी जी ने उसे आवाज दी !

योगी जी: अरे चारु बेटी ! क्या बात है आज खामोश सी यहाँ बैठे हो !

चारु योगी जी की बात सुन कर उठ खड़ी होती है और उन्हें प्रणाम करती है !

चारु : जी बाबा समस्या तो है , माफ़ करे मगर आप मुझे उसमे कुछ भी मदद नहीं कर सकते ये. हमारी और आप की पीढ़ी की ये तकरार है जो कभी ख़तम नहीं होंगी !

योगी जी : चारु  बेटी जरा मुझे विस्तार से बताओ की क्या बात है !

चारु : योगी जी मैंने पिछले माह ही बारहवीं कक्षा बहुत अच्छे नम्बरो से पास की है और मुझे आर्ट्स ले कर बाद में फोटोग्राफी कोर्स के लिए जाना है मगर बाबूजी मुझे इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए जोर दे रहे है !

योगी जी : ये तो बहुत अच्छी बात है, अगर तुम इंजीनियरिंग में जाओगे तो अच्छी जगह और अच्छी  तनख्वा की नौकरी मिलेंगे उनके हीसाब से तो सही है !

चारु :योगी जी, इसे लिए तो मैंने पहले ही कहा था के ये आप के और हमारे समय को लोगो के जनरेशन की सोच का फरक है ! जो हम लोगो को हमारे हिसाब से हमारी लाइफ जीने के लिए छूट ना दे कर अपने छूटे हुए सपने हम लोगो पर थोपते है!    

चारु की ऐसी बात सुन कर योगी जी ने थोड़ा सोचा !

योगी जी : समस्या तो है चारु बेटी मगर उसका समाधान भी है !

चारु : नहीं योगी जी अब इस का मेरे बाबा की और से कोई समाधान नहीं है क्युकी वो मेरा कुछ सुनना ही नहीं चाहते है !

योगी जी : हां क्यूंकी तुम दोनों पर अपना अपना ईगो जो सवार है तो भला इसका समाधान कैसे हो पायेगा, हां अगर तुम मेरी बात सुनोगे तो शायद तुम उन्हें मन लो !

चारु : योगी जी क्या आप के पास कोई समाधान है ! अगर है तो मेरी बहुत बड़ी समस्या हल होगी जो के मेरे जीवन के लिए अहम फैसला है !

योगीजी: अच्छा चारु बेटे एक बताओ क्या आप ने आपके बाबा से अच्छे मूड में बात की और शांति से उनका सुना  के क्यों उनके कहे करियर में तुम्हे डालना चाहते है !

चारु: नहीं योगी जी, उन्होंने इंजीनियरिंग का सुझाव दिया तो मैंने मन कर दिया ! उन्होंने मुझे कहा के वो मेरे भले के बारे में ही सोचते है और मुझे वही करना होगा जो उन्होंने कहा है मुझमें अपने बारे में फैसला लेने की कोई अकल नहीं है! उनकी बात सुन कर में गुस्सा हो गयी और उनका कुछ सुने बगैर वह से चली गयी और तब से वो मुझसे नाराज है और आज तो उन्होंने जबरदस्ती इंजीनियरिंग एडमिशन के लिए मुझसे फार्म भरवा लिए है! अब ऐसी हालत में मेरे पास कोई हल नहीं है !

योगीजी: देखो चारु ये तुम आज की पीढ़ी के नवजवानो की सराउंड मेन्टल स्टेट इफ़ेक्ट का असर है, इसके लिए तुम जिम्मेदार नहीं हो मगर तुम्हारी आस पास का खुला और अवसरों से भरा कॉम्पिटिटिव  माहौल जिम्मेदार है जो उस दौर में नहीं था जिस दौर में तुम्हारे बाबा और हम जैसे लोग पले बढे है!, आज कल एक और प्रॉब्लम है के तुम लोगो में पेशेंस और दुसरो की बात सुनने की और उसके बाद उन्हें शांति से तुम्हारा पॉजिटिव थॉट समझाने की आदत छूट गयी है और यही इस समस्या की मुख्य जड़ है!

चारु: तो क्या बाबा जी आप के पास इस समस्या के लिए कोई हाल है !

योगीजी: हां मेरे हिसाब से तो अब एक ही हल है! देखो जहा तक मुझे तुम्हारे बाबूजी का स्वभाव पता है वो सभी के लिए अच्छा ही चाहते है तभी तो गांव में सभी उन्हें मुखिया के रूप में बहुत पसंद करते है! अब तुम तुम्हारे बाबू जी का अच्छा मूड देख कर उनसे बात करो, उनका पक्ष पहले सुनो, मुझे पता है वो तुम्हारे भलाई की ही  बात कहेंगे मगर आखिर में उनकी बात सुन कर तुम उनसे सहमत हो तुम्हारा पॉजिटिव पक्ष रखो जिसके मुताबिक तुम अगर तुम्हारा करियर तुम्हारी पैशन और उसके मिलने की खुशी उन्हें जाहिर करोगी तो शायद वो कन्वेन्स हो जाये ! क्यूंकी हर एक पालक का जीवन भर यही उद्देश्य रहता है के उनके बच्चो को वो हमेशा खुश देख सके! मुझे पता है के अब तुम्हारे पिताजी से कैसे बात करना है ये तुम समझ गए होंगे!

चारु : जी बाबा जी और चारु योगी आनंदजी को प्रणाम कर वह से खुशी खुशी चली जाती है !


स्थान मुखिया जी का घर


मुखिया जी पंचायत से घर लौट कर आते है, आज उनका मूड ठीक हे है क्यूंकी गांव के सभी विकासकामो के लिए सभी सदस्य गांव ने उन्हें साथ दिया जो गांव के लिए काफी अच्छी बात थी !


आते ही वो दीवानखाने में लगे झूले पर बैठ जाते है ! तभी चारु उनके लिए पानी और चाय ले कर आती है!

मुखिया जी पानी पी कर चाय का कप हाथ में लेते है और तभी

चारु : बाबू जी आप से कुछ बात करनी है !

मुखिया जी ; हां बीटीया बोलो !

चारु : बाबू जी आप ने मेरे इंजीनियरिंग के एडमिशन के लिए फॉर्म दे दिया ! मगर आप को क्या लगता है के इंजीनियरिंग करके मुझे क्या मिलेगा !

मुखिया जी : बीटीया जी ऐसा है के आप के अच्छे नंबर्स आइये है और इंजीनियरिंग कर के आप बड़े अफसर बनोगे तो आप को और साथ में हमे भी बहुत खुशी मिलेंगी ! और हम बस आप की खुशियां ही चाहत है और कुछ नहीं !

चारु : पर अब जी शायद आप को पता नहीं इंजीनियरिंग करने के बाद भी आज कल कम्पटीशन के वजह से बहुत सारे बच्चो को जॉब नही मील पाती है ! अगर हमारे साथ ऐसा हुआ तो क्या हम खुश हो पायेगे !

मुखिया जी : मगर ऐसा क्यों होगा आप तो काफी होशियार है !

चारु : बाबू जी अब ज़माना बदल गया है ! आप को पता है अच्छे फोटो ग्राफर्स की मार्किट में कितनी डिमांड है और उन्हें इंटरनेशनल असाइनमेंट्स और बड़ा बड़े पुरस्कार और शौहरत मिलती है ! और वो मेरा पैशन भी है अगर आप मुझे आर्ट्स और फोटो ग्राफी में करियर चुनने दे, तो में उसमे ही खुश हो पाउंगी और ट्रेडिशनल इंजीनियरिंग से बढ़कर एक अलग करियर भी कर पाउंगी जिसमे मेरे सफल होने के चान्सेस ज्यादा है !

मुखिया जी : मगर बेटी समाज में तो इंजीनियरिंग और मेडिकल को ही ज्यादा मान्यत्ता है !

चारु : हां बाबू जी और फोटो ग्राफी भी एक इंजीनियरिंग के तरह हे टेक्निकल स्किल्स वाला काम है और उसमें मुझे आगे चलकर ज्यादा अवसर मील पायेंगे ये नया ज़माना है बाबू  जी जहा ट्रेडिशनल पढाई लेखाइ से हटकर जो बच्चे सोचते है वही ज्यादा सफल हो पाते है !


मुखिया जी : बेटी अगर ऐसा है तो मुझे तुम्हारे पसंद का करियर चुनने में अब कोई आप्पती नहीं है.मुझे बस तुम्हारी खुशिया और सफलता ही चाहिए और बस कुछ नहीं !

चारु : थैंक यू पापा मुझे समझने के लिए और वो उसके बाबू जी से लिपट जाती है !


और इस तरह योगी आनंदजी ने चारु को सही सलाह दे कर उसके मन चाहे करियर को फॉलो करने के लिए उसके पिताजी को मनाने में उसके मदद की !


इस कहानी से हमे ये सीख मिलती है के हर माता पीता उनके बच्चो का भले ही चाहते है ! मगर बच्चो का भी ये फ़र्ज़ बनता है के वो इस नए ज़माने में अपने सही करियर चुनने के लिए उनके माता पिता के सामने पॉजिटिव तरीके से रखने चाहिए ! और उनके जज़्बातो की  कदर कर उन्हें अपने लिए सही करियर चुनने के लिए समझाना चाहिए ! और इसमें बड़ो के लिए भी सीख है के आज कल के कॉम्पिटिटिव एनवायरनमेंट में अपने बच्चो को ऑफ बीट कैरियर्स चुनने के लिए उन्होंने उनके विचार जान कर उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि वो उसमे सफल हो सके और जिंदगी में खुश हो सके !


क्रमशः.   

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